आखिरी दरवाज़ा — एक औरत की असली ताकत

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राधिका एक साधारण-सी दिखने वाली, लेकिन अंदर से बेहद संवेदनशील लड़की थी। दिनभर ऑफिस में मेहनत करती, बॉस की डांट सहती, घर लौटकर माँ की दवाइयाँ बनाती—उसकी ज़िंदगी किसी और को बहुत सामान्य लगती थी। मगर मन के एक कोने में छुपी उसकी अपनी लड़ाइयाँ किसी को नज़र नहीं आती थीं।लोग कहते थे,“राधिका बहुत सीधी है… दुनिया से कैसे लड़ेगी?”वो बस मुस्कुरा देती—क्योंकि उसे भी नहीं पता था कि उसके अंदर कितना दम है।एक रात जिसने सब बदल दियादिसंबर की ठंडी रात थी। ऑफिस से काम ज्यादा मिल जाने के कारण वो देर से निकली। सड़कें लगभग खाली थीं, हवा