श्रापित एक प्रेम कहानी - 17

संपूर्णा और आलोक एक दुसरे को पंसद तो करता है पर कभी एक दुसरे को बताया नही । दोनो ही एक दुसरे के बांहो मे इस कदर खो जाते है के वो लोग कहां पर इसका कोई होश नही रहता है । संपूर्णा अपना होंट आलोक के होंट के बहोत करीब ले आती है जिससे आलोक बहोत excited हो जाता है और दोनो के होंट एक दुसरे से टकरा जाता है । आलोक संपूर्णा के होंट को चुमने लगता है दोनो ही अंधेरे मे एक दुसरे के होंट को चुमने लगता है। उधर वृंदा एकांश को बुलाती है----  एकांश ... एकांश तुम यहाँ होना। एकांश