बलवीर की बल्ली---पंजाब की मिट्टी में पली-बढ़ी दो आत्माएँ…एक था बलवीर — राजपूत पंजाबी, जन्मजात कुश्तीबाज़, जिसने अब तक कभी कोई मुकाबला नहीं हारा था।दूसरी थी बल्ली — निचली जाति की लड़की, पर हिम्मत ऐसी कि किसी बड़े-बड़े पहलवान को पछाड़ दे।बचपन से ही दोनों के घरों में एक ही सवाल गूँजता था—“इतने गुण हैं… कुश्ती में क्यों नहीं जाते?”पर दोनों की ज़िंदगी में एक ऐसा दिन आने वाला था जो न केवल उनके दिल बदलेगा, बल्कि समाज की सोच भी।---अध्याय 1 — दो पंजाब, दो कहानियाँबलवीर और बल्ली पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में रहते थे।दोनों की एक जैसी तकलीफ़