"यह कहानी भोपाल गैस त्रासदी( भोपाल गैस कांड ) की सच्ची घटना से प्रेरित है।" शहर जो कभी सोता नहीं थाभोपाल कभी एक शांत झीलों का शहर था, पर 1984 की सर्दियों में यहाँ के आसमान में एक अलग ही हलचल थी। सड़कों पर चाय की दुकानों से उठती भाप, पुराने शहर की गलियों से आती गरम जलेबियों की खुशबू और लोगों की धीमी-सी बातचीत — सब कुछ सामान्य था।पर शहर के एक कोने में बनी एक बड़ी रासायनिक फैक्ट्री थी — यूनियन कार्बाइड। कई लोग वहाँ नौकरी करते थे, जिनमें से एक था राजू — पच्चीस साल का,