योगेश और संगीता का घर जगमगा रहा था। सुंदर बिजली की लड़ियाँ मानो बार-बार खिलखिला कर हँस रही थीं। आने-जाने वालों का मन मोहने वाली इस घर की सुंदरता में ताज़े फूलों की ख़ुशबू अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही थी। शहनाई की मद्धम-मद्धम आवाज़ लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। आज योगेश और संगीता की बेटी अनन्या की शादी थी। चमकती रोशनी और फूलों को कहाँ मालूम था कि उनकी चमक और ख़ुशबू भले कितनी ही मनमोहक क्यों न हो, लेकिन किसी एक को वह खल रही थी। मंडप में बारात आ चुकी थी। अनन्या को मंडप में