अध्याय 1 — सपनों की उड़ानज़िंदगी हर किसी को एक मौका ज़रूर देती है—बहाने बनाने का नहीं, बल्कि अपनी उड़ान पहचानने का।कई लोग कहते हैं कि हालात उनके साथ नहीं थे, लेकिन सच्चाई यह है कि हालात कभी किसी के साथ नहीं होते।सपने वही पूरे करता है जो हालातों को चुनौती देना सीख जाता है। सपने वो नहीं जो हम सोते वक्त देखते हैं। सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते। और सच भी यही है।सपना तभी बड़ा बनता है जब उसके लिए हमारे अंदर बेचैनी हो, जलन हो, और उसे पाने की आग हो।एक छोटे से गांव से निकलकर,