दुनिया भर में जब हिटलर के अत्याचारों के कारण यहूदियों पर भीषण संकट आया, तब लगभग हर देश ने उनका साथ छोड़ दिया था। यूरोप में यहूदियों के खिलाफ नफरत, हिंसा और नरसंहार ने उनकी पूरी जाति को खत्म होने की कगार पर ला दिया था। इसी समय यहूदियों ने एक ऐसे देश की कल्पना की जहाँ वे सुरक्षित रह सकें, अपनी संस्कृति और पहचान को बचा सकें। यही सपना आगे चलकर इज़रायल के जन्म का कारण बना। लेकिन एक नया देश बन जाना ही सारी समस्याओं का अंत नहीं था। इज़रायल को जन्म लेते ही ऐसे हालातों का सामना