नित्य नीमा लेखक राज फुलवरेअध्याय 1 — नीला शहर और रुका हुआ समयनीला शहर… यह नाम किसी कविता की पंक्ति जैसा लगता था, लेकिन इस गाँव की सच्चाई उससे कहीं अधिक अजीब, रहस्यमय और डरावनी थी।यह गाँव दुनिया के बाकी गाँवों से बिल्कुल अलग था—यहाँ सब कुछ नीला था। घर, पेड़, मिट्टी, कपड़े, हवा में घुली खुशबू… और सबसे बड़ी बात—यहाँ के लोग भी पूरी तरह नीले थे।गाँव वालों की आँखें भी हल्की नीली चमक लिए रहती थीं, जैसे हर किसी के भीतर एक छोटा आसमान कैद हो।लेकिन इस गाँव की सबसे खौफ़नाक बात ये थी—हर दिन दोपहर 12:00 बजे पूरा