जापान के एक छोटे और शांत गाँव में, एक पुराने बौद्ध मंदिर के पास, हानी कामाडो अपनी साधारण और आध्यात्मिक जीवन जी रही थी। 40 साल की हानी दिखने में मात्र 21 साल की लगती थी। भारत से आने के बाद वह पिछले 28 सालों से यहीं रहती थी। ध्यान और साधना में उसकी विशेषज्ञता पूरे गाँव में सम्मानित थी।उसके साथ उसका गोद लिया हुआ बेटा, युरी, रहता था। युरी चार साल का था जब हानी ने उसे अपनाया था। उसके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी थी, और हानी ने उसे बचपन से ही माता-पिता और गुरु जैसी देखभाल दी