गोवा की कहानी भारत के स्वतंत्रता संघर्ष से कहीं पहले शुरू होती है, जब 1510 में पुर्तगाली साम्राज्य ने इस छोटे से तटीय क्षेत्र पर कब्ज़ा किया था। लगभग साढ़े चार सौ वर्षों तक गोवा, दमन और दीव पुर्तगाल की औपनिवेशिक सत्ता के अधीन रहे। भारत 1947 में अंग्रेज़ों से आज़ाद हो गया, लेकिन गोवा पर विदेशी शासन जारी था। आज़ाद भारत के लिए यह बड़ी चिंता का विषय था कि जब पूरा देश स्वतंत्र हो चुका है, तब भी यह हिस्सा यूरोपीय कब्ज़े में कैद है। स्वतंत्रता के बाद भारतीय नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया कि उपनिवेशवाद को