वेदान्त 2.0 - भाग 11

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आधाय 16 - विकास का धर्म – विज्ञान, प्रकृति और चेतना — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲   सूत्र 1: समझ का द्वार दो दिशाओं से खुलता है किसी भी विषय — रसायन, भौतिक या आध्यात्मिक — को समझने के लिए केवल एक कोण पर्याप्त नहीं।पहली दिशा है विकास और आविष्कार, दूसरी है परिणाम और प्रभाव।जो केवल बनाता है, पर देखता नहीं कि वह क्या बदल रहा है — वह आधा वैज्ञानिक है, आधा अंधा।   सूत्र 2: विकास नहीं, परिणाम ही उपलब्धि है विकास प्रक्रिया है — उपलब्धि नहीं।विकास का मूल्य उसके परिणाम में है: क्या वह रचनात्मक है, क्या वह सहज है, क्या उसने जीवन