मां की अपनी बेटी के प्रति जागरूकता।

मंगू को पागल अस्पताल के डॉक्टर के पास रखने की सलाह लोग अमरतकाकी को देते, तो उनकी आंखों में ममता भरे आंसु जैसी भावनाएँ भर जातीं और हर किसी को वे एक ही जवाब देतीं। वे कहतीं, “अगर मैं माँ बनकर सेवा नहीं कर सकती, तो अस्पताल वालो की क्या अपेक्षा? कीसी बेसहारा पशु को पींजरे मैं डालने जैसा होगा।''अमरतकाकी जन्ड़म से पागल अपनी लडकी की जिस तरह पालन, पोसश किया, सेवा की और प्यार किया, वह सब लोगों ने प्रत्यक्ष देखा और उसकी तारीफ़ भी की। लोग कहते थे कि ऐसी लड़की को तो केवल अमरतकाकी ही सँभाल सकती