वेदान्त 2.0 - भाग 8

अध्याय 11 :Vedānta 2.0 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲   अध्याय 11-मानव जीवन का मूल संतुलन  Vedānta 2.0 © 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲---मनुष्य भटक गया है —क्योंकि उसने अपने जीवन का केंद्र खो दिया है।जिस मूलाधार में जीवन की जड़ ऊर्जा थी,जिस मणिपुर में शरीर की क्रियाशक्ति थी,और जिस हृदय में प्रेम, संगीत, करुणा और आनंद का उद्गम था —वह सब आज बुद्धि के नियंत्रण में आ गया है।मूलाधार अब केवल जड़ता, काम, उत्तेजना और जनन का केंद्र रह गया है।मणिपुर शरीर की थकान और बीमारियों का भंडार बन गया है।हृदय अब सिर्फ़ भावनाओं की स्मृति है —अतीत की लकीरों और भविष्य के स्वप्नों का