मेनका - भाग 4

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मेनका भाग 4लेखक: राज फुलवरेअध्याय सात — मेनका की अंतिम चाल और यशवंत का सामनारामगढ में अब माहौल बदल चुका था.गाँववालों के मन में अब मेनका के प्रति डर और सतर्कता दोनों थी.यशवंत और सागर ने उसका पहला जाल पूरी तरह बेनकाब कर दिया था.लेकिन मेनका, जो अपनी चालाकी और साहस के लिए जानी जाती थी,अब अपनी अंतिम चाल खेलने की योजना बना रही थी.मेनका की रणनीतिमेनका ने गाँव के बाहर एक सुनसान हवेली में योजना बनाई.वह सोच रही थी —>“ अगर मैं यशवंत और सागर को अकेले में फँसा दूँ,तो मैं फिर से सब कुछ अपने हाथ में ले