[18]दूसरे दिन प्रभात होने पर सारा तथा बाकी के तीन लोग आगे की यात्रा की सज्जता करने लगे। यात्रा के लिए निकलने वाले ही थे कि होटल मेनेजर ने सूचना दी, “रात्री को भी भूस्खलन हुआ था इसलिए अभी भी मार्ग बंद है। और आज भी बंद ही रहेगा।” सभी रुक गए। ‘एक और दिन इनके साथ व्यतीत करना पड़ेगा। कहीं इन लोगों के साथ आकर मैंने कोई भूल तो नहीं कि?’सारा ने स्वयं से पूछा। ‘जो हो चुका है उसे बदल नहीं सकती हो तुम, सारा।’‘तो अब क्या?’‘समय की प्रतीक्षा करो, समय पर विश्वास करो। समय पर सब छोड़ दो’सारा ने