आरव कपूर—एक ऐसा नाम जो बिज़नेस की दुनिया में किसी ब्रांड से कम नहीं था।सिर्फ़ 28 साल की उम्र में उसकी कंपनी “K-Tech Innovations” ने वो मुक़ाम हासिल किया था जहाँ पहुँचने में लोगों की ज़िंदगी बीत जाती है।हर कोई उसे चाहने वाला था — नाम, पैसा, शोहरत… और लड़कियाँ, जो बस एक मुस्कान के इंतज़ार में उसके ऑफिस के बाहर तक मंडराती थीं।लेकिन आरव के चेहरे पर हमेशा वही ठंडा सुकून रहता — कोई एहसास नहीं, कोई लगाव नहीं।वो मानता था कि प्यार टाइम वेस्ट है,कि ज़िंदगी एक गेम है — जहाँ हारने की इजाज़त किसी को नहीं।पर वो