चतुर गुस्से से कहता है ।चतुर :- क्या बोला बे छक्क....... साले रुक तु ।इतना बोलकर चतुर गुना को मारने जाता है । तो गुना चतुर को रोकते हूए कहता है -----गुना :- रुक जाओ , रुक जाओ ----- बस यही दोस्ती यही प्यार। गूना के इतना पर सभी हंसने लगता है और फिर गूना सबके लिए चाय बिस्किट लगाने को कहता है । गुना :- चाचा सबके लिए चाय बिस्किट ले कर आओ । आज मेरा दोस्त मर्द बना है ।चतुर समझ जाता है के गुना उसका मजा ले रहा है इसिलिए अब वो बिना कुछ बोले चुप चाप बैठा रहता