श्रापित एक प्रेम कहानी - 9

आलोक दक्षराज की और देखता है और कहता है । आलोक :- वो एक काम है इसिलिए मुझे जाना होगा । इतना बोलकर आलोक वहा से चला जाता है ।दक्षराज नीलू को इशारा करके आलोक के पिछे जाने कहता हैं तो नीलू भी वहा से आलोक के पिछे चला जाता है । दक्षराज अपने चादर के अंदर से मणि को निकलाता है उसे फिरसे देखने लगता है । इधर आलोक एकांश को लेकर बाइक से सुंदरवन की और जा रहा था । के तभी आलोक को उसके पिछे नीलू दिखई देता है जो इन दोनो का पिछा कर रहा था। आलोक अपने  मन