वर्शाली के इतने करीब आने से एकांश का दिल जौर जौर से धड़क रहा था । एकांश बस वर्शाली के दैखे जा रहा था । फिर वर्शाली अपना हाथ एकांश के सिने पर रख देती है । वर्शाली के छुने से एकांश के पुरे शरीर पर बिजली जैसी करंट दौड़ जाती है और दिल धड़कन अब और तेज हो जाती है ।वर्शाली कहती है । वर्शाली :- ये क्या एकांश जी आपका दिल तो जौर जौर से धड़क रहा है ।एकांश कुछ कहता इससे पहले वर्शाली कहती है ।वर्शाली :- आज के लिए इतना ही एकांश जी । मैं कल फिर