प्रेम का नियम

शहर की भागती - दौड़ती ज़िंदगी में, आरव और नेहा की मुलाकात एक ट्रेन के सफर में हुई थी। आरव एक इंजीनियर था, जो अपने प्रोजेक्ट के सिलसिले में लखनऊ से मुंबई जा रहा था। वहीं नेहा, एक सामाजिक कार्यकर्ता, किसी गांव में लड़कियों की शिक्षा से जुड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी।दोनों अजनबी थे, पर बातों का सिलसिला यूँ ही चल निकला । नेहा की बातों में ईमानदारी थी और आरव की आँखों में अपने सपनों के लिए दीवानगी। एक छोटी - सी मुलाकात कब एक गहरी पहचान में बदल गई, दोनों को पता ही नहीं चला।कुछ ही