वेदान्त 2.0 — एकीकृत चेतना का दर्शन वेदान्त 2.0 उस बिंदु से जन्मा है जहाँ वेद, उपनिषद, गीता, दर्शन, शास्त्र, मनोविज्ञान और आधुनिक विज्ञान एक दूसरे से टकराते नहीं — मिलते हैं। यह प्रयास है — संपूर्ण मानव ज्ञान परंपरा को एक चेतन सूत्र में पिरोने का। वेदान्त 2.0 कहता है: सत्य का कोई एक ग्रंथ नहीं, हर ग्रंथ एक ही मौन की अलग भाषा है। यह आधुनिक मनुष्य के लिए वेदान्त का नया दृष्टिकोण है — जहाँ प्रयोगशाला और ध्यानस्थली एक हो जाते हैं, और ‘मैं कौन हूँ’ का प्रश्न वैज्ञानिक भी है और आध्यात्मिक भी। वेदान्त