विराट शून्य सूत्र — ब्रह्मांड की चेतन उत्पत्ति प्रथम 0 — बड़ा विराट शून्य।उस विराट के भीतर एक केंद्र बना — सूक्ष्म 0।एक अनंत 0 होता है, लेकिन उसमें एक बिंदु उत्पन्न होता है। वह बिंदु उस अनंत का ब्रह्मांड–केंद्र बन जाता है। जब असीमित अनंत था, और उसने बिंदु बनाया, तब वह अनंत केंद्रित हो गया — यही अनंत का केंद्र है।समझो — एक झील है, एक अनंत समुद्र है, जो बिल्कुल शांत और निष्क्रिय है। लेकिन उस झील या समुद्र में कहीं कोई कंपन होता है — वह कंपन फिर पूरे अनंत में फैलता है। यह