भारतीयता का पुनर्जागरण (संस्कारों से आधुनिकता तक की यात्रा) - 9

अध्याय 9संस्कृति और युवा पीढ़ीकिसी भी राष्ट्र का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर निर्भर करता है। यदि युवाओं में ऊर्जा है, तो राष्ट्र प्रगति करेगा। यदि युवाओं में दिशा है, तो राष्ट्र सुरक्षित रहेगा। और यदि युवाओं में संस्कार हैं, तो राष्ट्र अमर होगा। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति ने सदा युवा पीढ़ी को विशेष स्थान दिया है। हमारे ग्रंथों में कहा गया है—“युवा राष्ट्र की धरोहर हैं।”भारतीय संस्कृति ने युवाओं को केवल भोग-विलास का साधन नहीं माना, बल्कि उन्हें राष्ट्र की शक्ति और समाज की रीढ़ कहा। महाभारत के अर्जुन युवा ही थे, जिन्होंने धर्मयुद्ध में अर्जुनत्व दिखाकर