जीवन मूल्यांकन - दैहिक भौतिक समाधान

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कई अनुसंधान और विश्लेषण से ये संकेत मिलते है कि मानव देह पचास साल तक या उससे कुछ ऊपर तक  मन के अधीन काम करती है। एक उम्र की सीमा रेखा पार होने के बाद शरीर क्षय होती जिंदगी का अनुभव करने लगता है, इस अहसास के साथ की उसका इस संसार में अंतिम पड़ाव शुरु हो चुका है। कुछ ज्ञानी इसका अहसास कर लेते और अपने जीवन को आध्यात्मिक दर्शन से सलोना, सौम्य आकार देने की कोशिश में लग जाते है । एक उम्र तक तन, मन के अधीन काम कर चुका होता है, स्वाभाविक है, मन की दासता, आदत