चंदेला - 2

चंदेला 2लेखक- राज फुलवरेनांदगांव का वह छोटा सा कस्बा, जहाँ हरीश जोशी और लता जोशी अपने बेटी कांता के साथ रहते थे, अब केवल यादों में मौजूद था.हरीश जोशी स्कूल में बच्चों को पढाते, उनके शब्द हमेशा सच्चाई और ईमानदारी से भरे रहते.> हरीश: बेटा, याद रखो, ज्ञान ही इंसान को सबसे ऊँचा उठाता है।लता जोशी गाँव की महिला समिति चलातीं. वह औरतों के हक की आवाज थीं.> लता: अगर औरत चुप रहेगी तो समाज की नींव ही हिल जाएगी. अपनी आवाज रखो, कांता।कांता ने बचपन से यह सब देखा और अपने मन में ठान लिया —>“ मैं भी बडी