शापित कुत्ता

शीर्षक: शापित कुत्तारात का सन्नाटा था। गाँव के बाहर पुरानी हवेली के पास हवा अजीब तरह से गूंज रही थी। पत्तों की सरसराहट के बीच, कोई कराहने की आवाज़ आती थी — मानो कोई जानवर रो रहा हो। उसी गाँव में रहता था बारह साल का आरव। मासूम, लेकिन बेहद जिज्ञासु। गाँव के लोग कहते थे कि हवेली के पास एक “शापित कुत्ता” घूमता है, जो रात में किसी को दिख जाए तो उसके सपनों में आकर उसे परेशान करता है।आरव को इन बातों पर पहले हँसी आती थी। लेकिन एक दिन उसके दोस्तों ने उसे चिढ़ाते हुए कहा, “तू