साहित्यिक साझा मानसिक मी टू `बतर्ज़ सबरीमाला ब्ला ---ब्ला --- - 2

एपीसोड -2 सन 1995 में फ़ेडेरशन हॉल बुक करवा लिया था। कार्यक्रम से पहले संचालिका हाथ में कवयित्रियों की लिस्ट लिए उससे कह रही थी ,``आपने बहुत ग़लती की है। ये कार्यक्रम बहुत फ़्लॉप होगा। आपने कहीं सुना है की किसी महिला ने कोई कविता का सम्मलेन संचालित किया है ?`` लेकिन उस कार्यक्रम को आशा से अधिक सफ़लता मिली . उस समय उनको भी नहीं पता था कि कर्नाटक व दिल्ली के बाद के गुजरात में देश की ये तीसरी महिला साहित्यिक संस्था है जिसमें महिलायें साहित्य के नाम अपने घर के कामों के नागपाश से अपने को कुछ