अध्याय 5विलुप्ति की कहानियाँ—वास्तविकता और प्रेरणाभारत की संस्कृति एक महासागर है, जिसकी गहराई असीम और जिसकी धारा अनवरत है। किंतु इस महासागर से कई ऐसी नदियाँ हैं जो धीरे-धीरे सूख गईं, कई ऐसी परंपराएँ हैं जो विलुप्त हो गईं। जब हम उन विलुप्त होती परंपराओं की कहानियों को देखते हैं तो कहीं पीड़ा मिलती है, कहीं चेतावनी और कहीं प्रेरणा।कभी गाँवों की चौपालें भारतीय समाज का हृदय हुआ करती थीं। वहीं निर्णय होते थे, वहीं गीत गाए जाते थे, वहीं बुज़ुर्ग अपने अनुभव साझा करते थे और वहीं बच्चे संस्कार सीखते थे। लेकिन अब वही चौपालें सन्नाटे में बदल गई