मैं जोधपुर यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा था। वहां में हाई कोर्ट रोड पर मुरलीधर जोशी भवन में एक कमरा किराए पर लेकर रहता था।यह बात 1969 की है।उस जगह से यूनिवर्सिटी का रास्ता पैदल ही था।पपपिता के देहांत के बाद मैं फिर जोधपुर नही गया।एक सिपाही गया था जो कमरा खाली करके आया और वहाँ से मेरा सामान लेकर आया।मेरी ट्रेनिंग ढाई महीने की थी जो दस अप्रैल1970 से शुरू हुई। मैजब आबूरोड से चला तब मुझे आर पी एफ स्टाफ ने ट्रेन में बैठाया।वह ट्रेन मारवाड़ मुझे छोड़नी थी।मारवाड़ जंक्शन पर आर पी एफ के एक सैनिक ने मुझे