एक प्रोफेसर

एक प्रोफेसर **लेखक: विजय शर्मा एरी**---प्रोफेसर अनिरुद्ध वर्मा अपने अध्ययन कक्ष में बैठे थे, चश्मे के पीछे से किताब के पन्नों को घूर रहे थे। लेकिन शब्द उनके दिमाग में नहीं उतर रहे थे। एक ही वाक्य को तीन बार पढ़ने के बाद भी उन्हें समझ नहीं आया कि उन्होंने क्या पढ़ा।"सर, आपकी चाय," उनकी सहायक नेहा ने कहा, कप मेज़ पर रखते हुए।प्रोफेसर वर्मा ने चौंककर ऊपर देखा। "धन्यवाद नेहा। अरे, तुम... तुम कौन हो?"नेहा का चेहरा पीला पड़ गया। "सर, मैं नेहा हूँ। पिछले पाँच सालों से आपकी रिसर्च असिस्टेंट।"प्रोफेसर वर्मा ने अपने माथे पर हाथ रखा। "हाँ... हाँ,