साधक गुस्से से कहता है ---साधक :- तुने मेरी सारी मेहनत पर पानी फेरा , मेरी ब्रम्हचार्य की परीक्षा ली , पर जब मेरा ब्रह्मचार्य टूट ही गया है तो क्यो ना तुझे पुरी तरह से भोगा जाए ।इतना बोलकर वो साधक अपने जेब से कुछ निकालता है और एक मंत्र पड़ता है ---साधक :- > “ओम् मनोहराय नमः” > “चन्द्रकान्ता तेजो भूते”इतना बोलकर वो साधक उस परी के उपर भस्म फेंक देता है जिससे परी की ताकत कमजोर पड़ जाती है और वो साधक उस परी को पकड़कर उसे जमीन मे लिटा देता है ।परी साधक से