आशिकी.....अब तुम ही हो। - 2

अध्याय: २केशवनगर सोसाइटी: जहां श्रद्धा का परिवार रहता है । वहा के लोग भी श्रद्धा से बहुत प्यार करते है !और क्यों न करे वो है भी इतनी प्यारी सबका दिल जीत लेने वाली !!!वैसे कुछ लोग ऐसे भी होते है जो आपको हमेशा नापसंद करते है !आप चाहे जितना अच्छा होले।।उनके साथ!!!!केशवनगर सोसाइटी में भी कुछ लोग है जो श्रद्धा से जलते है। आपकी मुलाकात जिनसे आगे होगी!!!(इधर श्रद्धा और प्रीति मंदिर पहुंचती है ! पहले वे राधाकृष्ण जी के दर्शन करती हैं ! फिर पुजारी जी के पास पहुंचती हैं!!)श्रद्धा: हरी काका !(पुजारी जी पीछे मुड़ते है) पुजारी जी: