Last Benchers - 3

कुछ साल बीत चुके थे। राहुल अब अपने ऑफिस के काम में व्यस्त था, लेकिन अचानक कुछ पुरानी यादों ने उसे खींच लिया। शहर के वही पुराने रास्ते, वही स्कूल की इमारत — जैसे समय ने उसे वहीं रोक रखा हो। उसने अपने कदमों को धीरे-धीरे स्कूल की तरफ मोड़ा। सामने वही मैदान था, जहाँ कभी दोस्तों के साथ हँसी और शरारतें होती थीं।क्लासरूम के बाहर पहुँचकर राहुल की आँखें वही पुरानी खिड़कियों और दरवाजों पर टिक गईं। उसने खुद को रोकते हुए कहा, “शायद ये जगह अब भी वैसी ही है, जैसे हमने छोड़ दी थी।” उसका दिल अचानक