Last Benchers - 1

हर क्लास में कुछ बच्चे होते हैं जो आगे बैठकर जवाब देते हैं,और कुछ जो पीछे बैठकर सोचते हैं।आर्यन और काव्या, 12-B की वही जोड़ी थे —जो बातें कम, लेकिन महसूस ज़्यादा करते थे।आर्यन को drawing का शौक था।क्लास में चलते हुए उसके हाथ हमेशा pencil से स्याही भरे रहते।काव्या के पास हमेशा एक छोटी diary होती थी,जिसमें वो अपने ख़्याल लिखती रहती —“लोग बातों से पहचान बनाते हैं, मैं खामोशियों से।”दोनों एक-दूसरे से कम बोलते, पर जब भी नजरें मिलतीं,ऐसा लगता जैसे पुराने दोस्त हों जो शब्दों से आगे जुड़ चुके हैं।---एक दिन क्लास में teacher ने नया प्रोजेक्ट