तन्हाई - 1

एपिसोड 1 – तन्हाई अकेलेपन की गूंज और अधूरी चाहतों की शुरुआतशहर के सबसे शांत और प्रतिष्ठित इलाके में, सफ़ेद दीवारों वाला एक बंगला हर सुबह की तरह आज भी बेहद सलीके से सजा था। सामने की लॉन में माली रोज़ की तरह फव्वारे चालू कर चुका था, फूलों की क्यारियाँ हल्की धूप में मुस्कुरा रही थीं, लेकिन उस घर की खिड़कियों से आती हवा में एक ठहराव था… जैसे वहाँ कोई आवाज़ बहुत दिनों से गुम हो चुकी हो।यह बंगला संध्या राठौर का हैं उम्र लगभग पैंतालीस। चेहरा अब भी उतना ही निखरा हुआ, जितना कभी शादी के शुरुआती दिनों में