मनुष्य का पुनर्जन्म - धर्म और विज्ञान के बीच - 2

मनुष्य का पुनर्जन्म — धर्म और विज्ञान के बीच भाग 1 का शेष  चतुर्थ अध्याय नया मनुष्य — धर्म और विज्ञान के बीच पुनर्जन्म — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲(१) पुराना मनुष्य — आधा और असंतुलितपुराना मनुष्य दो टुकड़ों में जी रहा था — धर्म ने उसकी चेतना बाँध दी, विज्ञान ने उसकी देह। एक ने कहा “मत सोचो”, दूसरे ने कहा “मत महसूस करो।”परिणाम — वह सोचता भी है और दुखी भी रहता है; महसूस करता है, पर समझ नहीं पाता। वह चलता है, पर कहीं पहुँचता नहीं।(२) नया मनुष्य — दोनों का पारनया मनुष्य किसी एक पर झुकेगा नहीं। वह धर्म से