दिवाली, जिसे हम “रोशनी का त्योहार” कहते हैं, केवल दीपक जलाने और मिठाइयाँ बांटने का समय नहीं है। यह त्योहार हमें अंधकार से उजाले की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने का अवसर देता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दिवाली का असली प्रकाश क्या है? असली दिवाली वह है जो हमारे अंदर के अंधकार को मिटाकर आत्मा और मन में ज्ञान और भक्ति का उजाला लाए। संत रामपाल जी महाराज ने हमें यही सिखाया है कि दिवाली केवल बाहरी जगत का उत्सव नहीं, बल्कि आंतरिक जागरण का प्रतीक है। उनका सत्संग और शिक्षाएँ इस बात