एक ही दुनिया दो नजरें

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एक ही दुनिया, दो नजरेंगाँव के छोटे से मोहल्ले में रामू और सोहन रहते थे। रामू गरीब था, लेकिन मेहनती, ईमानदार और सरल स्वभाव का। सोहन धनी था, अच्छे घर में रहता, नई चीज़ें खरीदता और अक्सर दिखावे में व्यस्त रहता।साइकिल की कहानीएक सुबह रामू अपनी पुरानी साइकिल पर खेत की ओर चला। राह चलते लोग हँसते और कहते, “देखो, गरीब रामू साइकल चला रहा है, बेइज्जत हो गया।”कुछ ही देर बाद सोहन अपनी नई चमचमाती साइकिल पर निकला। लोग तारीफ करने लगे, “वाह! कितनी फिटनेस पर ध्यान दे रहा है।”रामू ने मन ही मन सोचा, “इतना बड़ा फर्क क्यों?”