सपनों की कीमत: मेहनत और हिम्मत की कहानी.

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छोट्या से गाँव में रहने वाला लड़का आरव हर शाम अपने घर की छत पर बैठकर आसमान की ओर ताकता।तारे चमकते, चाँद मुस्कुराता, और आरव अपने सपनों की दुनिया में खो जाता।कभी वह पायलट बनने का सपना देखता, कभी इंजीनियर बनने का, कभी अपनी खुद की कंपनी का।लेकिन उसके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि हर दिन का सपना भी एक बड़ी चुनौती बन जाता।आरव के पिता किसान थे। उनकी मेहनत साल भर भी कभी-कभी बारिश पर निर्भर रहती थी।माँ घर संभालती और बच्चों की पढ़ाई में मदद करती।घर की रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करना ही कभी-कभी एक