कडलिंग कैफ़े

“कडलिंग कैफ़े”लेखक: db Bundelaश्रेणी: समाज / व्यंग्य / आधुनिकता---भारत के बड़े शहरों में “कडलिंग कैफ़े” और “किराये के प्रेमी” जैसी आधुनिक प्रवृत्तियाँ तेजी से बढ़ रही हैं।यह ब्लॉग व्यंग्यात्मक शैली में बताता है कि कैसे प्यार अब भावनाओं का नहीं, सुविधा का व्यापार बनता जा रहा है —मजनू की नज़र से देखिए आज का नकली इश्क़।---#कडलिंग कैफ़े, #किराये के प्रेमी, #आधुनिक समाज, #व्यंग्य लेख, #नकली प्यार, #अकेलापन, #सोशल मीडिया इश्क़, #भावनात्मक पतन, #मजनू व्यंग्य, #रिश्तों की सच्चाई#किराये की मोहब्बतसुबह का वक्त था। मैं रोज़ की तरह पार्क पहुँचा था।फव्वारे की बूँदें हवा में तैर रही थीं, पर लोगों की निगाहें