सात फेरे या सात वचन लेखक: विजय शर्मा एरीशहर की चमक-दमक और गांव की सादगी के बीच एक अनोखा संगम था कस्बा सूरजपुर। यहाँ की हवाएँ खुशबू और परंपराओं का मिश्रण लिए होती थीं। सूरजपुर के बीचों-बीच बनी एक पुरानी हवेली में रहते थे राघव और उसका परिवार। राघव एक साधारण युवक था, जिसके सपने बड़े थे, लेकिन दिल में परंपराओं और संस्कारों का गहरा सम्मान था। उसकी माँ, शांति देवी, एक धार्मिक और सिद्धांतवादी महिला थीं, जो अपने बेटे की शादी को लेकर बहुत उत्साहित थीं।राघव की शादी तय हुई थी काव्या से, जो पड़ोस के गांव की एक सुशील