उड़ने की उड़ान

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एक नन्हीं-सी चिड़िया, जो अभी-अभी घोंसला छोड़कर उड़ना सीख रही थी। उसने देखा कि दूसरी चिड़ियाएँ हवा की रफ़्तार से आसमान नाप रही हैं। उसी पल उसने ठान लिया कि वह भी उन चिड़ियों से ऊपर उड़कर दिखाएगी। वह अपने सपनों के पंख फैलाकर उड़ने लगी, आसमान को छूने की चाह में। उसके पंख भले ही नाज़ुक थे, मगर हौसला आसमान जितना ऊँचा था। उसने एक बार अपने घर की ओर देखा, फिर सिर उठाकर अनंत आकाश की ओर। एक गहरी साँस ली, पंख फैलाए, और फड़फड़ाते हुए उड़ चली।पहली बार खुले आसमान में उड़ने का आनंद उसके दिल को