भीतर लौटना — देह, आत्मा और जीवन की सरल बातचीतप्रस्तावनाकभी-कभी लगता है, हम बहुत कुछ जानते हैं — नाम, काम, रिश्ते, नियम। पर फिर भी कोई हल्की-सी कमी साथ चलती रहती है। वह जो कहती है — “कुछ छूटा है।”यह किताब उसी “छूटे हुए” को याद करने की कोशिश है। कोई दर्शन नहीं, कोई धर्म नहीं। बस दो आवाज़ें — एक जो पूछती है, और एक जो धीरे से जवाब देती है।इन दोनों के बीच जो जगह है, वहीं आत्मा की जगह है। कभी प्रश्न बड़ा हो जाता है, कभी मौन जवाब बन जाता है। और वहीं, बिना किसी चमत्कार