संस्मरण - ऐसा क्यों?

  • 279
  • 81

         हम सबके जीवन में कुछ ऐसा भी होता है, जिसका उत्तर हमारे पास नहीं होता है। हो सकता है कि मेरा अनुभव आपको अतिश्योक्ति लगे।पर इसका एक- एक शब्द अक्षरशः सत्य है और इसका जिक्र भी मैं अपने कुछेक शुभचिंतकों से करक्षचुक हूँ, पर उत्तर नदारद है।         कुछ वर्ष पूर्व एक बहन/बेटी से मेरी भेंट पूर्व निर्धारित सहमति के अनुसार हुई। जिससे पूर्व कभी भेंट नहीं हुई थी। आभासी संवाद के माध्यम से होते हुए हमारे मिलन का यह अवसर आया था। जिसकी जानकारी हम दोनों के परिवारों को भी थी। फिर भी