THE LAZY BILLIONAIRE “आलसी अरबपति – विवेक की सोच का जादू”पहला अध्याय: एक साधारण युवकदिल्ली के एक छोटे से फ्लैट में विवेक अग्रवाल नाम का एक युवक रहता था।वो हमेशा आराम से बैठा रहता, मोबाइल चलाता, और अपने दोस्तों के बीच “सबसे आलसी आदमी” कहलाता।लोग कहते — “इससे तो कुछ नहीं होगा! दिनभर फोन और नोट्स पढ़ने से कोई अरबपति नहीं बनता।”पर विवेक को किसी की बात की परवाह नहीं थी।वो हर दिन एक ही चीज़ सोचता — “मुझे ज़्यादा मेहनत नहीं करनी, मुझे स्मार्ट तरीके से काम करना है।”दूसरा अध्याय: आलस में छिपा विचारएक दिन उसने देखा कि उसके दोस्त राजीव 16