अंतिम प्रतिबिंब

कहानी का शीर्षक: अंतिम प्रतिबिंब ️ लेखक: विजय शर्मा एरी---रवि हमेशा से एक आत्मविश्वासी युवक माना जाता था। कॉलेज में उसकी हंसी सबसे ऊँची, कपड़े सबसे नए, और सोशल मीडिया पर तस्वीरें सबसे चमकदार होती थीं। लोग कहते थे – "वाह! रवि तो हर वक्त मुस्कुराता है, कितनी पॉजिटिव एनर्जी है इसमें!"पर किसी को क्या पता था कि उस मुस्कान के पीछे कितने सवाल छिपे हैं।हर रात जब वह घर लौटता, कमरे का दरवाज़ा बंद करता, और आईने के सामने खड़ा होता — तो खुद से नज़रें मिलाना मुश्किल हो जाता था। आईना जैसे पूछता,"क्यों रवि? ये जो दुनिया को दिखाता