जीवन का विज्ञान देह, मन, आत्मा और मृत्यु का संतुलित रहस्य — 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲--- ग्रंथ-मंत्र > “जीवन बहता है —मृत्यु ठहरती नहीं, बस दिशा बदलती है।जो भीतर की गति को समझ ले,वह बाहर की दुनिया से कभी नहीं खोता।”--- प्रस्तावना यह ग्रंथ किसी विश्वास का प्रतिपादन नहीं करता —यह केवल जीवन को देखने की दृष्टि है।जो भीतर घटता है, वही बाहर फैलता है;जो शरीर में है, वही ब्रह्मांड में।यहाँ विज्ञान और अध्यात्म दो नहीं —विज्ञान तत्वों की गति बताता है,और अध्यात्म उस गति के मौन को।जब दोनों मिलते हैं,तभी मनुष्य पूर्ण होता है —न केवल जीवित, बल्कि सचेत।यह ग्रंथ