गुरु दत्त महिमा — कलियुग में दिव्यता, दिशा और मुक्ति का अद्भुत सेतु कलियुग में जब संसार बाहरी चकाचौंध में उलझा हुआ है, जब मनुष्य का मन अस्थिर, दिशा भ्रमित और चिंताओं से घिरा हुआ है — तब केवल एक ही दिव्य तत्व ऐसा है जो साधक को इस महासागर से पार लगा सकता है, और वह है — गुरु तत्व।गुरु केवल ज्ञानदाता नहीं, बल्कि वे जीवन के आधार स्तंभ, आत्मा के जागरणकर्ता और मोक्ष के मार्गदर्शक होते हैं।और इस गुरु तत्व का सर्वोच्च और दिव्य स्वरूप हैं — भगवान दत्तात्रेय।वे आदि गुरु हैं। योग, ज्ञान और तप के