सदा दिवाली गरीब की

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मनुष्य के जीवन में पर्व बहुत महत्व रखते हैं। सुबह से शाम हो फिर दूसरे दिन की सुबह से फिर शाम। इस प्रकार आदमी अपने जीवन यापन के लिए कार्य करता रहता है। महीने के बाद महीना इसी प्रकार वर्षों बीत जाते हैं। कहने का तात्पर्य है कि वर्षों जाते हैं। जीवन भी बीत जाता है। कुछ व्यक्ति अपना भाग्य ऐसा लेकर आते हैं कि बुढ़ापे में भी काम करने से फुर्सत नहीं मिलती। कुछ ऐसे भी व्यक्ति होते हैं जो फैक्ट्री में आठ घंटे की ड्यूटी करने के पश्चात फिर से दोबारा आठ घंटे की ड्यूटी करने लगते हैं।