मैं, बावली

                 जानती हूं, जानती हूं, लिखाई मेरी सीधी नहीं और बात भी कुछ टेढ़ी ही है।                   “आज क्या तारीख है?” घर आते ही पति बोले थे।                  “9 जुलाई, 2025,” इन की मेज़ पर रखे कैलेंडर की तारीख मैं ही बदला करती हूं।                  “आज की तारीख बहुत मंगल है। बहुत बड़ी है। आज मैं अपनी ज़िंदगी के सब से बड़े इंटरव्यू के लिए गया था। एक प्रिंसीपल के इंटरव्यू के